नैना तरस रहे हैं झर झर बरस रहे है,❤️🌹✍️
⚘⚘⚘⚘⚘⚘ ॐ ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘
नैनो ने कहा नैनो से---
क्या बात समझ ना पाओगे,
ना बोलूं अगर मैं तुमसे तो---
क्या तुम भी नहीं फरमाओगे,
ना होगा मिलन अपना कभी---
यादों से मिल लिया करते हैं,
क्यों मिलने की तमन्ना में---
सुखचैन तबाह कर लेते हैं,
हर आहट से अक्सर लगता है---
दुआ कबूल हो गई,
खाली हवा का झोंका था---
आहट फिजूल हो गई,
नैना तरस रहे हैं,
झर झर बरस रहे हैं,
बहते नैनों की भाषा के---
जज्बात समझ ना पाओगे,
ना बोलूं अगर मैं तुमसे तो,
क्या तुम भी नहीं फरमाओगे,
संगीता वर्मा✍✍
Khushi jha
11-Oct-2021 12:08 PM
बेहतरीन
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Niraj Pandey
10-Oct-2021 07:41 PM
बहुत खूब
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Kavita Gautam
09-Oct-2021 09:13 PM
बहुत सुंदर
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